नव वर्ष चारों तरफ हो खुशियाँ ही खुशियाँ मीठी पुरनपोली और गुजियाँ ही गुजियाँ द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात आसमान में हर तरफ पतंगों की बारात सभी को शुभ को नव वर्ष हर बार ऋतू से बदलता हिन्दू साल नये वर्ष की छाती मौसम में बहार बदलाव दिखता पृकृति में हर तरफ ऐसे होता हिन्दू नव वर्ष का त्यौहार हिंदू नव वर्ष की हैं शुरुवात कोयल गाये हर डाल- डाल पात-पात चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा का हैं अवसर खुशियों से बीते नव वर्ष का हर एक पल नए पत्ते आते है वृक्ष ख़ुशी से झूम जाते हैं ऐसे मौसम में ही तो नया आगाज होता हैं हम यूँही हैप्पी न्यू ईयर नहीं मनाते हिन्दू धर्म में यह त्यौहार प्राकृतिक बदलाव से आते शाखों पर सजता नये पत्तो का श्रृंगार मीठे पकवानों की होती चारो तरफ बहार मीठी बोली से करते, सब एक दूजे का दीदार चलो मनाये हिन्दू नव वर्ष इस बार वृक्षों पर सजती नये पत्तो की बहार हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार ऐसा सजता हैं गुड़ी का त्यौहार मौसम ही कर देता नववर्ष का सत्कार नौ दुर्गा के आगमन से सजता हैं नव वर्ष ग...