नव वर्ष
चारों तरफ हो खुशियाँ ही खुशियाँ
मीठी पुरनपोली और गुजियाँ ही गुजियाँ
द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात
आसमान में हर तरफ पतंगों की बारात
सभी को शुभ को नव वर्ष हर बार
ऋतू से बदलता हिन्दू साल
नये वर्ष की छाती मौसम में बहार
बदलाव दिखता पृकृति में हर तरफ
ऐसे होता हिन्दू नव वर्ष का त्यौहार
हिंदू नव वर्ष की हैं शुरुवात
कोयल गाये हर डाल- डाल पात-पात
चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा का हैं अवसर
खुशियों से बीते नव वर्ष का हर एक पल
नए पत्ते आते है वृक्ष ख़ुशी से झूम जाते हैं
ऐसे मौसम में ही तो नया आगाज होता हैं
हम यूँही हैप्पी न्यू ईयर नहीं मनाते
हिन्दू धर्म में यह त्यौहार प्राकृतिक बदलाव से आते
शाखों पर सजता नये पत्तो का श्रृंगार
मीठे पकवानों की होती चारो तरफ बहार
मीठी बोली से करते, सब एक दूजे का दीदार
चलो मनाये हिन्दू नव वर्ष इस बार
वृक्षों पर सजती नये पत्तो की बहार
हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार
ऐसा सजता हैं गुड़ी का त्यौहार
मौसम ही कर देता नववर्ष का सत्कार
नौ दुर्गा के आगमन से सजता हैं नव वर्ष
गुड़ी के त्यौहार से खिलता हैं नव वर्ष
कोयल गाती हैं नववर्ष का मल्हार
संगीतमय सजता प्रकृति का आकार
चैत्र की शुरुवात से होता नव आरंभ
यही हैं हिन्दू नव वर्ष का शुभारम्भ
घर में आये शुभ संदेश
धरकर खुशियों का वेश
पुराने साल को अलविदा हैं भाई
हैं सबको नवीन वर्ष की बधाई
hindu nav varsh 2076
नव वर्ष की पवन बेला में,
है यही शुभ सन्देश,
हर दिन आये आपके जीवन में,
लेकर खुशियाँ विशेष!
हिन्दू नव वर्ष 2076 की हार्दिक शुभकामना
इस रिश्ते को ऐसे ही बनाये रखना,
दिल में यादों के चिराग जाये रखना,
बहुत ही प्यारा और अच्छा सफ़र था 2075 का,
अपना साथ 2076 में भी ऐसे बनाये रखना!
आई हैं बहारे, नाचे हम और तुम
पास आये, खुशियाँ और दूर जाए गम
प्रकृति की लीला हैं छाई
सभी को दिल से गुड़ी पड़वा की बधाई
नया दिन, नयी सुबह
चलो मनाये एक साथ
हैं यह गुडी का पर्व
दुआ करे सदा रहे हम साथ साथ
वृक्षों पर सजती नये पत्तों की बहार
हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार
ऐसा सजता हैं गुड़ी का त्यौहार
मौसम ही कर देता नववर्ष का सत्कार
घर में आये शुभ संदेश
धरकर खुशियों का वेश
पुराने साल को अलविदा हैं भाई
हैं सबको नवीन वर्ष की बधाई
ऋतू से बदलता हिन्दू साल
नये वर्ष की छाती मौसम में बहार
बदलाव दिखता पृकृति में हर तरफ
ऐसे होता हिन्दू नव वर्ष का त्यौहार
हिंदू नव वर्ष की हैं शुरुवात
कोयल गाये हर डाल- डाल पात-पात
चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा का हैं अवसर
खुशियों से बीते नव वर्ष का हर एक पल |
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