बाघ आया उस रात
" वो इधर से निकला
उधर चला गया ऽऽ ”
वो आँखें फैलाकर
बतला रहा था-
“ हाँ बाबा , बाघ आया उस रात ,
आप रात को बाहर न निकलो !
जाने कब बाघ फिर से आ जाए ।"
“ हाँ , वो हीऽऽ ! वो ही जो
उस झरने के पास रहता है
वहाँ अपन दिन के वक्त गए थे न एक रोज़ ? । बाघ उधर ही तो रहता है
बाबा , उसके दो बच्चे हैं
बाघिन सारा दिन पहरा देती है
बाघ या तो सोता है
या बच्चों से खेलता है . . . "
दुसरा बालक बोला -
" बाघ कहीं काम नहीं करता
न किसी दफ्तर में
न कॉलेज में ऽऽ ”
छोटू बोला -
स्कूल में भी नहीं . . . "
पाँच - साला बेटू ने
हमें फिर से आगाह किया
“ अब रात को बाहर होकर बाथरूम न जाना !"
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